वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
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भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव shiv chalisa in hindi गाई।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
मैना मातु shiv chalisa in hindi की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, Shiv chaisa पूर्ण कीन कल्याण ॥